International space station क्या है Space Station के बारे में रोचक तथ्य

international space station | iss kya hai
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वर्तमान समय में पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर हम जिंदा नहीं रह सकते हैं लेकिन अंतरिक्ष में एक जगह है जहां मानव कई वर्षों से रह रहे हैं। इस जगह का नाम इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (international space station) है। इस स्टेशन को खास तौर पर इंसानों की सुविधा का ख्याल रखते हुए बनाया गया है जिससे मनुष्य अंतरिक्ष में कुछ समय रहकर पृथ्वी का सर्वेक्षण (investigation and research) कर सके। इस लेख में हम आपको अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जैसे कि International space station kya hai . क्यों है यह इतना खास| International space station का इतिहास क्या है और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुड़ी रोचक तथ्य की जानकारी देने वाले हैं।

स्पेस स्टेशन क्या होता है? -What is Space Station.

Space station को पृथ्वी के लो ऑर्बिट कक्षा में ही स्थापित किया जाता है। स्पेस स्टेशन को ऑर्बिटल स्टेशन भी कहते है। सरल शब्दों में कहा जाए तो यह अंतरिक्ष में मानव निर्मित ऐसा स्टेशन है जिसे इंसानों के रहने के लिए सभी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। जिसका उपयोग अंतरिक्ष यात्री निवास स्थान के तौर पर अंतरिक्ष में करते हैं। अंतरिक्ष यात्री स्टेशन में रहकर पृथ्वी का सर्वेक्षण और पृथ्वी से जुड़ी जानकारियां इकट्ठा करते है।
आज भी अंतरिक्ष में ऐसे कई रहस्य हैं जिसके बारे में हम नहीं जानते हैं कई देश रहस्य को जानने के लिए अक्सर अपने स्पेस मिशन अंतरिक्ष में भेजते हैं और स्पेस स्टेशन इन रहस्य को जानने में हमारी मदद करता है।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन(ISS) क्या है? -what is the international space station.

International space station जो मानव इतिहास की अब तक की सबसे महंगी परियोजना है जिसे बनाने में कुल 160 अरब अमेरिकी डॉलर का खर्च आया था। भारतीय करेंसी में यह 11 लाख करोड़ के बराबर है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन एक अंतरिक्ष वातावरण रिसर्च लैबोरेट्री के तौर पर बनाया गया है। जहां दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिक इस स्पेस स्टेशन में रहकर पृथ्वी और अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारियां इकट्ठा करते हैं इसे बनाने में 16 अमेरिका रूस जापान ब्राजील फ्रांस यूरोपीय यूनियन इत्यादि देशों ने अपना प्रमुख योगदान दिया है। इस स्पेस स्टेशन में एक समय में 6 अंतरिक्ष यात्री रह सकते हैं इसे Space station को पृथ्वी की कक्षा से 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है। यह 24 घंटे में 27600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है।

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इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का इतिहास -history of international space station.

यह एक बहुराष्ट्रीय परियोजना है। दुनिया का पहला स्पेस स्टेशन सोवियत संघ ने 1971 में बनाया था। वर्तमान समय में 2 space station पृथ्वी की कक्षा में मौजूद है।
International space station के पहले हिस्से को 20 नवंबर 1998 में अंतरिक्ष में भेजा गया था। धीरे-धीरे अगले 2 साल में स्टेशन के कई हिस्से भेजे गए और इन हिस्सों को अंतरिक्ष में ही जोड़कर स्टेशन तैयार किया गया। यह सभी से आपस में रोबोटिक तरीके से जुड़े रहते हैं और इनमें किसी भी हिस्से में आई खराबी को सतर्क कर ले जाता है। लगभग 2 साल की मेहनत के बाद यह स्टेशन अंतरिक्ष यात्री के रहने लायक बन सका। अंतरिक्ष यात्री का पहला क्रू 2 नवंबर 2000 में स्टेशन पर पहुंचा था।
International space station को अब तक 18 देशों के 232 अंतरिक्ष यात्री इस स्पेस स्टेशन में काम कर चुके हैं
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन एक बहुराष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसमें 15 देशों का आर्थिक योगदान शामिल है।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तब तक काम करेगा -How long will the International Space Station work.

स्पेस स्टेशन को महज 15 सालों के लिए डिजाइन किया गया था हालांकि, वर्तमान समय में अब तक उसमें कोई दिक्कत नहीं आई है। माना जा रहा है कि यह वर्ष 2028 तक चल सकता है।

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International space station स्टेशन से जुड़ी रोचक तथ्य- Interesting facts about the ISS

  • यह स्पेस स्टेशन 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगा लेता है।
  • इस इस स्पेस स्टेशन की रफ्तार ऐसी है कि इससे एक दिन में चांद पर जा कर वापस लौट आ जा सकता है।
  • 15 देशों की मदद से अब तक 19 बार सेटेलाइट भेज कर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की सभी सुविधाएं जुटाई गई थी।
  • इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अब तक 18 देशों के 232 अंतरिक्ष यात्री भेजे जा चुके हैं।
  • इसे स्पेसएस्टेशन का पहला हिस्सा रूस के सेटेलाइट के द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया था
  • इस स्पेस स्टेशन के कंट्रोल मॉड्यूल का नाम “जरैया” है।
  • स्पेस स्टेशन के हर एक भाग को जोड़ने में लगभग 2 साल का समय लगा था