यूक्रेन के साथ तनाव के बीच रूस (Russia) ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे विवाद बढ़ने की आशंका है रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन से अलग हुए दो प्रांतों डोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क (Luhansk) को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है इसके बाद उन्होंने इन दोनों शहरों में अपनी सेना भेजकर अलगाववादियों को खुली मदद देने का भी एलान कर दिया। पुतिन के इस कदम से पश्चिमी देशों में हलचल मच गई है। उन्होंने सोमवार को देर रात को देश के नाम संबोधन में इसका ऐलान किया
पश्चिमी देशों की पाबंदी लगाने की चेतावनी के बावजूद रूसी राष्ट्रपति ने राज्य द्वारा संचालित टेलीविजन पर प्रसारित अपने भावनात्मक संबोधन में दोनों शहरों की स्वतंत्रता की मान्यता दी रूस के इस कदम से पश्चिमी देशों और यूक्रेन से तनाव और अधिक बढ़ने की संभावना है
टेलीविजन पर संबोधन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा यूक्रेन के दो शहरों- डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र क्षेत्रों के तौर पर पहचान देने की बात कही है। इसके बाद उन्होंने इन दोनों शहरों में अपनी सेना भेजकर अलगाववादियों को खुली मदद देने का भी एलान किया और साथ ही पुत्र ने टेलीविजन संबोधन में कहा कि आधुनिकीकरण USSR ने बनाया था और साथ ही कहा कि वर्तमान समय में यूक्रेन की सरकार अमेरिका की कठपुतली और यहां के लोग इस सरकार के कारण मुश्किल में है
पुतिन के इस कदम से पश्चिमी देशों में हलचल मच गई है। यूरोपीय देशों, अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस और यूक्रेन के इन दोनों क्षेत्रों पर सख्त प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी जारी कर दी है।
डोनेत्स्क और लुहांस्क क्या है?
East Ukraine में रूस की सीमा से लगे Donetsk की गिनती एक समय यूक्रेन के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर होती थी। यह डोनबास राज्य का मुख्य शहर माना जाता था जहां कई अहम खनिजों का भंडार है। यह शहर यूक्रेन के बड़े स्टील उत्पादक केंद्रों में से है। यहां की जनसंख्या करीब 22 लाख है। वहीं, लुहांस्क जिसे पहले वोरोशिलोवग्राद के नाम से जाना जाता था इसे यूक्रेन के लिए कोयले का अहम भंडार है। यह शहर भी डोनबास क्षेत्र का हिस्सा है और रूस के साथ सीमा साझा करता है।
रूस और यूक्रेन के बीच विवाद का मुख्य कारण क्या है?
डोनेत्स्क और लुहांस्क जिस डोनबास प्रांत का हिस्सा हैं, वह रूस और यूक्रेन के बीच तनाव की मुख्य जड़ काफी समय से रहा है। USSR के विघटन के बाद डोनबास क्षेत्र यूक्रेन का हिस्सा बना।डोनेत्स्क और लुहांस्क यूक्रेन के दो ऐसे राज्य हैं, जहां रूस समर्थक अलगाववादियों ने यूक्रेन सरकार के खिलाफ लगातार युद्ध छेड़ रखा है लंबे समय से इन्हें यूक्रेन से अलग स्वतंत्र क्षेत्र घोषित कराने की कोशिश में हैं। बागियों ने इन दोनों शहरों को गणतंत्र भी घोषित किया है। इन दोनों शहरों पर रूस का कहना है कि डोनबास की ज्यादातर व्यक्ति रूसी भाषा बोलती है और इसलिए उसे यूक्रेन के राष्ट्रवाद से बचाया जाना जरूरी है। और पुतिन ने साफ तौर पर बता दिया है कि वह अलगाववादियों का समर्थन करेंगे और अपने सैनिकों को मदद भेजने का आदेश दिया हैडोनेत्स्क और लुहांस्क को यूक्रेन में बनाए रखने के लिए यूक्रेन के सैनिक पिछले आठ साल से अलगाववादियों का सामना कर रहे हैं। यूक्रेन की सेना और अलगाववादियों की जंग में अब तक 14 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं।
फिर उसने पहली बार यह कहा है कि वह डोनेत्स्क और लुहांस्क को यूक्रेन का हिस्सा नहीं मानता है सरल शब्दों में कहें तो रूस के मान्यता देने का अर्थ यह है कि रूस अब अपनी सेना को इन दोनों क्षेत्रों में भेज सकता है अलगाववादियों के समर्थन में, इसके पीछे रूस ने यह तर्क दे सकता है कि वह यूक्रेन के खिलाफ डॉन वास प्रांत की रक्षा के लिए एक सहयोगी के रुप में हस्तक्षेप कर रहा है और साथ ही रूस यह भी तक दे सकता है कि वह क्षेत्र में शांति कायम करना चाहता है जिसके कारण वही प्रेम में अपनी सेना भेज रहा है
मिन्स्क शांति समझौता क्या है?
मिन्स्क शांति समझौता ईस्ट यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादियों और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम को लेकर किया गया एक समझौता है साल 2014-15 में इस समझौते पर यूक्रेन और रूस के बीच हस्ताक्षर किया गया था और इस समझौते को फ्रांस और जर्मनी ने भी समर्थन किया था वर्तमान समय में सभी पक्षों का मानना था के इस समझौते से सैनी संघर्ष को रोका जा सकता है लेकिन वर्तमान समय में खुद रूस समझौते को तोड़ दिया है