हमने पिछले आर्टिकल में प्रोपराइटरशिप, पार्टनरशिप फर्म और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी दी थी इस आर्टिकल में लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप यानी एलएलपी (LLP) की जानकारी देने वाले हैं। कंपनी रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत आज हम Limited Liability Partnership (LLP Kya hai) ? इसकी पूरी जानकारी देने वाले हैं।
साथ ही लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप वाली कंपनियां ही क्यों रजिस्टर करवाएं इन के क्या फायदे होते हैं । यहां हम आपको पूरा पंजीकरण प्रक्रिया Step By Step बताएंगे कि एलएलपी कंपनी रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन भारत में कैसे होती है और उसके लिए क्या-क्या दस्तावेज लगते हैं, साथ ही कितनी फीस लगती है।
LLP Full Form in Hindi
LLP की फुल फॉर्म “Limited Liability Partnership” होती है LLP को हिंदी में “सीमित दायित्व भागीदारी” कहते है देश में कंपनियों के रजिस्ट्रेशन के कई तरीके हैं इनमें से ही एक है LLP फर्म इस तरह की फर्म के नाम के अंत में LLP लिखा रहता है (LLP Kya hai)
लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) क्या है?
दोस्तों भारत में कई तरह से कंपनी का रजिस्ट्रेशन होता है उसी में से एक है LLP का पूरा नाम लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप होता है। यह कानून की नजर में एक अलग कानूनी इकाई मानी जाती है देश में कंपनियों के रजिस्ट्रेशन के कई तरीके हैं इनमें से एक है लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) फॉर्म है| एलएलपी के तहत, दो या दो से अधिक पार्टनर एक स्पेशल एग्रीमेंट बनाते हैं और उनकी सीमित जिम्मेदारियां होती हैं। यह कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के अनुपालन और नियम अनुसार रजिस्टरड होते हैं
Meaning of Limited Liability Partnership (LLP)
“एक कॉर्पोरेट व्यवसाय जो professional expertise और entrepreneurial initiative को लचीले, नवीन और कुशल तरीके से संयोजित और संचालित करने में सक्षम बनाता है, अपने सदस्यों को एक साझेदारी के रूप में अपनी internal structure को व्यवस्थित करने के लिए लचीलेपन (flexibility) की अनुमति देते हुए limited liability का लाभ प्रदान करता है”
What is LLP in Hindi– LLP Kya hai
LLP एक पारंपरिक साझेदारी का एक मिश्रण है उदाहरण के लिए, यह एक Traditional partnership firm का लचीलापन प्रदान करता है, और कम अनुपालन लागत पर एक कंपनी की Limited liability का लाभ देता है एक साझेदारी फर्म की तरह, और साझेदारों की भी Limited liability होती है, जहां प्रत्येक साझेदार की Liability उस राशि तक सीमित होती है जो वे व्यवसाय में लगाते हैं
LLP के बारे में अच्छी बात यह है कि यह कई लाभ प्रदान करता है जो एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा आनंद लिया जाता है. एक LLP के साथ एक ही समय में अनुपालन बनाए रखना आसान है. LLP Kya hai के बारे में अच्छी बात यह है कि इसमें पंजीकरण शुल्क कम और आसान रखरखाव है और यही कारण है कि LLP भारत के अधिकांश छोटे व्यवसाय मालिकों की पहली पसंद बन गया है।
Partnership firm क्या होती है? फायदे, नुकसान, पार्टनरशिप फर्म संबंधित जानकारी।
दोस्तों अगर आप एक LLP फर्म शुरू करने के बारे में सोच रहे है या फिर आपने एक नयी LLP फर्म की शुरुआत की है तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा की आप मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स के बनाये गए नियमो के अनुसार आपको अपनी फर्म का registration करवाना होगा, इसके साथ ही registration होने के बाद LLP की Annual filing करनी होगी जो आपकी फर्म के लिए बहुत ही जरुरी है।क्योकि मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स ने LLP फर्म्स के लिए कुछ नियम निर्धारित कर रखे है, जिसके अनुसार आपको हर साल उस नियम की पालना करनी पड़ती है
Why an LLP?- एलएलपी क्यों?
एलएलपी का उपयोग करने वाले Professionals पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं। अधिकांश एलएलपी professionals के एक समूह द्वारा बनाए और managed किए जाते हैं जिनके पास बहुत अनुभव होते हैं। partners व्यापार करने की लागत को कम करते हैं जबकि विकास के लिए LLP की क्षमता में वृद्धि करते हैं। वे कार्यालय की जगह, कर्मचारियों, आदि को साझा कर सकते हैं।
Features of LLP- एलएलपी की विशेषताएं
- एलएलपी की अलग कानूनी इकाई है यानी एलएलपी और साझेदार एक दूसरे से अलग हैं।
- LLP बनाने के लिए कम से कम 2 भागीदारों की आवश्यकता होती है। हालांकि, भागीदारों की अधिकतम संख्या की कोई सीमा नहीं है।
- Minimum Capital Contribution की कोई आवश्यकता नहीं।
- LLP Act एलएलपी संरचना के लाभ को केवल Professionals के कुछ वर्गों तक सीमित नहीं करता है और यह किसी भी enterprise द्वारा उपयोग के लिए उपलब्ध होगा।
- आइये नज़र डालते हैं एलएलपी से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों पर
- LLP के स्ट्रक्चर को सिर्फ किसी कंपनी द्वारा ही इस्तेमाल किया जा सकता है
- कंपनी के रजिस्ट्रेशन की यह प्रासेस बहुत आसान है और इसमें खर्च भी बहुत कम आता है
- LLP एक अलग लीगल यूनिट है यह इंडिविजुएल पार्टनर से अलग है
- कंपनी के रजिस्ट्रेशन के एग्रीमेंट के केल्कुलेशन से हर पार्टनर की रिस्पान्सिबिलिटी लिमिट है इसकी वजह यह है कि रिगूलर पार्टनर- शिप फर्म में अन-लिमिटेड रिस्पान्सिबिलिटीज होती है जबकि इसमें शेयर होल्डिंग के केल्कुलेशन से ही रिस्पान्सिबिलिटी होती है
- LLP के अंडर रजिस्टर की जाने वाली कंपनी पर गवर्नमेंट के कुछ रेसट्राइकसन इश्यू होते हैं इसके साथ ही कंप्लायंस रिलेटेड कुछ मैटर भी हैं यह जनरल पार्टनरशिप फर्म की तुलना में अधिक कठिन होते हैं
Benefits of forming a LLP- एलएलपी बनाने के लाभ
- असीमित liability वाली पार्टनरशिप फर्मों की तुलना में एलएलपी के निर्माण के प्रत्येक भागीदार की liability उसके हिस्से तक सीमित है।
- इसके निर्माण की लागत कम है और इसे बनाना आसान है।
- भागीदार एक-दूसरे के acts के लिए उत्तरदायी नहीं हैं और साझेदारी की तुलना में केवल अपने स्वयं के कार्यों के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है
- कंपनी पर लागू प्रतिबंधों की तुलना में सरकार द्वारा एलएलपी पर कम restrictions लागू किया जाता है।
- एक कानूनी व्यक्ति के रूप में, एक एलएलपी अपने नाम पर मुकदमा कर सकता है और दूसरों द्वारा मुकदमा चलाया जा सकता है।
How Limited Is Limited Liability?
एलएलपी (LLP Kya hai) का वास्तविक विवरण इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कहां बनाते हैं। आम तौर पर एक भागीदार के रूप में आपकी व्यक्तिगत संपत्ति कानूनी कार्रवाई से सुरक्षित होती है। मूल रूप से liability इस अर्थ में सीमित है कि आप साझेदारी में संपत्ति खो सकते हैं, लेकिन इससे बाहर की संपत्ति (आपकी व्यक्तिगत संपत्ति) नहीं।
LLP रजिस्ट्रशन के लिए दिए गए डाक्यूमेंट्स की जरुरत होती है
- पार्टनर्स के डिजिटल हस्ताक्षर और DIN
- प्रपत्रों का सत्यापन
- आरओसी
- LLP प्रमाणपत्र
- LLP एग्रीमेंट का ज़ेरॉक्स
- LLP एग्रीमेंट का फाइलिंग
लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप को बैंक या नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों से लोन लेने में आसानी होती है।
Taxation of LLP’s in India
Limited-Liability-Partnership
- भारत में, सरकार ने अधिसूचित किया है कि एलएलपी पर Partnership के समान ही कर लगाया जाएगा अर्थात एलएलपी पर कर लगाया जाएगा और partners को कर से छूट दी जाएगी।
- चूंकि एलएलपी पर पार्टनरशिप फर्मों के समान ही कर लगाया जाएगा, इसलिए Partnership Firms को Limited Liability Partnership में बदलने पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा।
- आयकर रिटर्न, भागीदार द्वारा signed और verified किया जाएगा और जहां किसी भी unavoidable reason से नामित partner आय की वापसी पर हस्ताक्षर करने में सक्षम नहीं है या जहां कोई designated partner नहीं है।