पीरियड्स यानी महामारी आमतौर पर महिलाओं में होने वाला एक प्राकृतिक क्रिया है जिसके बारे में जानना हर बढ़ती उम्र की लड़कियों के लिए जरूरी है।
आज भी काफी युवा लड़कियों को इस क्रिया के बारे में पूरी जानकारी नहीं है तो ऐसे समय में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलावों को अपनाना और भी कठिन बना देता है जब एक लड़की या बच्ची का प्रजननीय अंग पूरी तरह से विकसित हो जाता है और वह प्रजनन के सक्षम हो जाती है तब युवा लड़कियों में यह पड़ाव आता है तब उनके मासिक धर्म शुरू हो जाते हैं।
यह आमतौर पर 8 से 16 तक की उम्र के बीच में शुरू हो जाता है उसी दौरान काफी हार्मोन परिवर्तन होता हैं आइए इस पोस्ट में हम इन सब के बारे में ही जानते हैं इस पोस्ट को पढ़कर आपको सारे प्रश्न के उत्तर मिल जाएंगे।
पीरियड्स क्या होते हैं?
लड़कियों में मासिक धर्म शुरू होने का मतलब यह होता है कि अब उनके अंडाशय का विकास हो चुका है। इसका मतलब उनका अंडाशय अब अंडे बनाने के लायक है।
मासिक धर्म पीरियड्स की यह क्रिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है गर्भधारण करने में सहायक करना मासिक धर्म शुरू होने पर हर महीने महिलाओं के दो अंडाशयों में से कोई एक अंडा बन के गर्भाशय नाल से रिलीज करता हैइसके साथ साथ दो हारमोंस भी शरीर में बनते हैं एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन यह हारमोंस गर्भाशय की परत को मोटा करता है ताकि गर्भधान होने पर फर्टिलाइजर अंडा उस पद से लगकर पोषण पा सके के परत रक्त और म्यूकस से बनी होती है।
पीरियड्स के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- पीरियड्स के दौरान हमें बाकी दिनों से खुद की ज्यादा सचेत पर ध्यान देना चाहिए वरना इस समय आपको इंफेक्शन आसानी से हो सकता है।
- कई जगह पर छोटे गांव में आज भी कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है जो कि एक बहुत ही बड़े इन्फेक्शन का कारण बन सकता है।
पैड का इस्तेमाल करना चाहिए 6 या 8 घंटे में उस पैड को बदलना चाहिए। - आमतौर पर आपको अपने वजाइना पार्ट को साफ रखना है जब भी बाथरूम जाए पानी से साफ करें और मानसिकधर्म के समय भी आपको लगातार पानी से साफ करते रहना चाहिए ताकि और बैक्टीरिया बड़े ना।
- वजाइना पार्ट पर साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि साबुन बहुत हार्ड होता है वेजाइनल एरिया के पास इंफेक्शन हो सकता है।
- जब भी पैड़ को हटाते या लगाते हैं तो उस वक्त अपने हाथों को साबुन से धोएं और अधिक बाहों में बार-बार पैड बदलने के झंझट से बचने के लिए कई महिलाएं या लड़कियां एक ही बार में दो पैड का यूज करती है जो कि बिल्कुल गलत है एक पैड़ की जितनी सोखने की क्षमता होती है वह उतना ही सोखेगा और दो पैड एक साथ लगाने से असुविधा बढ़ती है और वेजाइनल एरिया में दुर्गंध हो सकती है जिससे बैक्टीरिया पनपते हैं।
- इस्तेमाल किए गए नैपकिन को हमेशा पेपर में लपेटकर कूड़ेदान में डालें।
- पीरियड्स के दिनों में अपने बैग में हमेशा एक्स्ट्रा सैनिटरी नैपकिन,टिशू पेपर,हैंड सेनेटाइजर एंटीसेप्टिक दवा रखनी चाहिए, क्योंकि किसी भी वक्त की जरूरत पढ़ सकती है।
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पीरियड्स के दौरान क्या-क्या खाना चाहिए?
- 8 से 9 गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए।
- आयरन और विटामिन से युक्त खाना खाना चाहिए पीरियड्स के दौरान शरीर से खून बाहर निकलता है ऐसे में आयरन और विटामिन युक्त खाने को खाना चाहिए।
- आटे का हलवा खाना चाहिए।
- हरे पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए।
- इस दौरान आपको केले का सेवन करना चाहिए क्योंकि के लिए में पोटेशियम और विटामिन B6 बहुतायात में पाया जाता है यह ना सिर्फ आपको मानसिक आराम देगा,अच्छी नींद लाएगा बल्कि आपका पेट भी साफ रखेगा और फूलने से राहत देगा।