दुनिया में कई रहस्य छुपे हुए हैं| जिनके बारे में आज तक कोई नहीं जान पाए हैं ऐसे ही कुछ गुजरात में स्थित सोमनाथ मंदिर का है आइए जानते हैं सोमनाथ मंदिर के रहस्य बारे मे|
सोमनाथ मंदिर:-
सोमनाथ मंदिर हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण मंदिर है|यह गुजरात में स्थित है|पुराने समय में इस मंदिर का शिवलिंग हवा में झूलता रहता था|
यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में सर्वप्रथम स्थान है|
वर्तमान समय में यह मंदिर जिस पर्यटन स्थल है|
इस मंदिर का निर्माण किसने और कब किया यह बात आज तक रह से हैं|
ऋग्वेद अनुसार इस मंदिर का निर्माण चंद्र देव ने करवाया था|
वर्तमान मंदिर का निर्माण भारत के लोग पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा करवाया गया था|
1 दिसंबर 1993 को भारत के राष्ट्रपति शंकर मैं इसे राष्ट्रीय को समर्पित कर दिया था|
इस मंदिर में रात को 1 घंटे का सॉन्ग लाइट सो भी होता है जिसमें मंदिर का बहुत सुंदर तरीके से सचित्रित वर्णन होता है|
कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने अपना देता भी इसी स्थान पर किया था|
इस मंदिर को बहुत से आक्रमणकारी द्वारा लूटा गया और इसे छति ग्रस्त किया गया|
महमूद गजनवी ने सन 1024 में सोमनाथ मंदिर पर हमला करवाया था इसने यहां से 20 लाख दिनार की लूट की और शिवलिंग को खंडित कर दिया था|
इसके बाद तेरवीं ईस्वी मैं अलाउद्दीन खिलजी ने शिवलिंग को खंडित किया था इसके बाद भी बहुत बार मंदिर की शिवलिंग को खंडित किया गया परंतु विभिन्न राजाओ द्वारा इसका निर्माण करवाया गया|
समुंद्र की तरफ है|जिस पर लिखा हुआ है (आसमुद्रान्त दक्षिण ध्रुव पर्यंत अबाधितs ज्योतिर्मार्ग)
इसका अर्थ है समुंद्र की इस बिंदु से दक्षिण ध्रुव तक की सीधी रेखा पर एक भी अवरुद्ध नहीं है|
यह एक रहस्य है कि यहां से दक्षिण ध्रुव का ही रास्ता क्यों दर्शाया गया है|
आपको पता है कि सोमनाथ मंदिर का नाम सोम नाथ क्यों पड़ा?
प्राचीन हिंदू ग्रंथों के अनुसार सोमनाथ चंद्र ने प्रजापति राजा दक्ष की 27 कन्याओं के साथ विवाह किया था परंतु वह सभी पत्नी में से रोहिणी नाम की पत्नी से सबसे अधिक प्रेम और सम्मान करते थे|
राजा दक्ष ने अपनी बाकी बेटियो के साथ यह अन्याय देखकर क्रोध में आकर राजा दक्ष चंद्र को श्राप देते हुए कहा अब से हर रोज तुम्हारा तेज कम होता रहेगा इस शराब के कारण चंद का तेज घटता जा रहा था श्राप से विचलित हो कर चंद देखने भगवान शिव की आराधना शुरू कर दी चंद्र देव की अराधना से भगवान शिव प्रसन्न हो गए ओर चंद्र देव के सामने प्रकट हुए चंद्र देव ने शिव जी से वरदान मांगा कि वह अपने भक्तों चंद्रमा के नाम से विख्यात हो इसलिए वह सोमनाथ कहलाए|
कष्ट दूर होने के बाद चंद्र देव ने इस शिवलिंग के पास मंदिर का निर्माण करवाया इसे सोमनाथ मंदिर के नाम से जाना गया|
यह मंदिर का इतिहास दर्शाता है कि हमेशा कितना भी अधिकार हो जी हमेशा उजाले की होती है और चाहे कितनी भी बुराई हो जी हमेशा अच्छा की होती है|
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